Use Arnica Montana homeopathic medicine

Arnica Montana

Use Arnica Montana homeopathic medicine

Arnica Montana
Arnica Montana

Arnica Montana एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक दवा है, जिसे अक्सर “आर्निका” कहा जाता है। यह दवा चोट, दर्द, सूजन, और शारीरिक थकावट से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोग की जाती है। यह दवा विशेष रूप से चोट के बाद दर्द को कम करने में मदद करती है। आज जानेगे इसके कुछ important Symotops ( of Arnica Montana ) के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं|

What is Arnica Montana Symptoms :

चोट लगने के बुरे परिणाम को दूर करने के लिए आर्निका सर्व प्रधान औषध है, चाहे वह चोट हाल की या कितने ही वर्षों की क्यों न हो। आार्निका रोगी बहुत ही उदास रहता है, अकेला रहना पसन्द करता है, वह नहीं चाहता कि उस से कोई बोले या उसके पास आवे। वह चिड़चिड़ा मिज़ाज का होता है, ज़रा ही में डर जाता है, नाना प्रकार की कल्पनायें चित्त में लाया करता है, वह ख़्याल करता है कि उसे कोई कठिन बीमारी हो गई है,Heart Rog हो गया है। रात के समय तरह तरह के Dara ne wale स्वप्न देखता है, choor, डाकू, कीचड़, बिजली का कड़क इत्यादि। सोते में कभी कभी दिल में इस प्रकार की तकलीफ़ होती है कि मानो उसकी मृत्यु तुरन्त ही हो जायगी, मगर दिन के समय इस प्रकार की तकलीफ़ उसे कभी नहीं होती, जिनको रेल या मोटर गाड़ी पर किसी प्रकार की दुर्घटना हुई हो उनको अक्सर नींद में इस प्रकार की तकलीफ़ होती है। आार्निका में एक अद्धुत लक्षण यह है कि रोगी का सारा शरीर और हाथ पाँव ठण्डे रहते हैं मगर सर गर्म रहता है ( The head is hotter than the body )| समस्त शरीर में इस कदर दर्द होता है मानो रोगी के किसी स्थान से गिरने से चोट लगने के कारण उसका सारा शरीर कुचल गया है अथवा किसी ने उसके शरीर को कूट कूट कर पीटा है ( Sore, lame, bruised feeling all through the body, as if beaten) और छूने से दर्द होता है, यह इसका सर्वं प्रधान लक्षणा है। सिर्फ़ इसी लक्षण पर निर्भर करके नाना प्रकार के रोग आर्निका से दूर हो सकते हैं। शरीर के किसी भी स्थान में चोट लगने या उस स्थान पर स्याह दाग़ पड़ जाने, गिर कर या चोट लग कर हड्डी या जोड़ के उखड़ या टूट जाने पर आर्निका के प्रयोग से सूजन और दर्द बहुत जल्द दूर हो जाते हैं। किसी भारी चीज़ के उठाने या ऊँचे स्थान से किसी चीज़ के उतारने में यदि पुट्टों में मरोड़ या मोच आ जाय (रस-टक्स) तो आर्निका उस दर्द को बहुत जल्द दूर कर देगा। चेोट लगने के फलस्वरूप सर की हड्डी टूटने, पंठन (Convulsion), मृगीरोग ( Apoplexy), मेनिआइटिस् ( Meningitis-मस्तक की फिल्ली का प्रदाह), आख के अन्दर ख़ून के जम जाने, स्याह दाग़ पड़ जाने के साथ आंख् को सूजन (Retinal hamorrhage with extravasation), नाक से रक्तपात, दाँत से रक्तस्राव इत्यादि में भी आर्निका श्रेष्ठ है। किसी प्रकार की चोट लगने के बाद यदि दिल की धड़कन का रोग (Palpitation ) उत्पन्न हो तो इस से उपकार होगा। बात और गठिया रोग ( Rheumatism and gout) में भी यदि इस प्रकार का कुचला हुआ दर्द रहे और रोगी इस डर से अपने पास किसी को न आने दे कि छूने ही से उसके दर्द के स्थान में तकलीफ़ होगी, तो यह लाभदायक होगा।

मांसिक लक्षण (Mental Symptoms)
जब भी व्यक्ति को मौत का भय या व्यक्ति को कोई अचानक से चोट, दुर्घटना या आघात से लगता हैं या कोई अचानक ज्यादा सोचने से डर या दर्द से और चिंता बढ़ जाती हैं तथा व्यक्ति बेचैन हो जाता है, और उसे न लेटे चैन या और न ही बैठे चैन रहता हैं ।

शारीरिक लक्षण (Physical Symptoms)
चोट लगने के बाद होने वाले मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द को Arnica Montana ठीक करने में मदद करता हैं, फिर वो चाहें जहाँ का दर्द हो तथा अर्निका में सूजन या संक्रमण कम करने में बहुत ही असरदार दवा हैं जो विशेषकर के चोट लगने के बाद में होता हैं तथा Arnica Montana चोट लगने से या चोट लगाने के घाव के बाद बहने वाले खून को रोकने में में मदद करता हैं , अर्निका फेफड़ों के सूजन या संक्रमण को कम करने में बहुत ही चमत्कारी प्रभाव दिखता हैं,| जो मरीज थोड़ा सा काम करने के बाद जल्दी थक जाता हैं या जल्दी थकान का अनुभव करना भी एक Arnica Montana के प्रमुख symptoms यानि लक्षण हैं ।

सिर के लक्षण (Head Symptoms)
सर में चोट लगने के बाद सिर में दर्द हो या चाहे पुराने चोट के कारण सर दर्द रहा हो या अचानक चक्कर आना और खोपड़ी में चोट या सूजन के कारण दर्द बना रहता हो आदि ।

पेट के लक्षण (Abdominal Symptoms)
पेट में चोट के कारण पाचन तंत्र में सूजन के कारण दर्द हो या फिर कभी-कभी उल्टी हो रही हो तब भी Arnica Montana अच्छा काम करती हैं,

सावधानियाँ (Precautions)
दवा का अत्याधिक उपयोग: अत्यधिक उपयोग से दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे मतली, दस्त, पेट दर्द।

लंबे समय तक उपयोग: लंबे समय तक उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह लें।

 

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